Sunday, May 8, 2011

थ्रीडी गहना है पिक्चर को संवारने के लिए-विक्रम भट्ट


प्रख्यात फिल्मकार जेम्स कैमरून की चर्चित फिल्म अवतार विक्रम भट्ट की थ्रीडी फिल्म हांटेड की प्रेरणा है। मिथुन चक्रवर्ती के बेटे महाअक्षय चक्रवर्ती और टिया बाजपेयी अभिनीत यह एक हॉरर फिल्म है। बातचीत विक्रम भट्ट से..

थ्रीडी फिल्म बनाने का आइडिया कब और कैसे सूझा?
मैं तीन हॉरर फिल्में राज, 1920 और शापित बना चुका था। एक नई फिल्म बना रहा था डेंजरस इश्क। मैं लॉस एंजिल्स में था। वहां मैंने अवतार देखी। मैंने सोचा कि हॉलीवुड में जेम्स कैमरून ने अवतार में जो तकनीक इस्तेमाल की है उसे इंडिया आते-आते दस साल लग जाएंगे। मैं वापस लौटा था कि प्रसाद स्टूडियो से फोन आया कि हमारे पास थ्रीडी तकनीक है। मैंने पूछा कि जैसी अवतार में यूज की थी वैसी ही है? उन्होंने कहा, हां। मैंने सोचा कि थ्रीडी में फिल्म बनानी चाहिए।
हांटेड की कहानी क्या है?
एक लड़का है रेहान, जिसकी एक छोटी ब्रोकरेज फार्म है। उसका पहाड़ों में एक बड़ा सा घर है, जिसे उसने बेचा है। दस दिन बाद वह आदमी प्रापर्टी खरीदने आने वाला है। उसके पहले वहां के केयरटेकर की मौत हो जाती है, क्योंकि वह घर हांटेड है। अगर दस दिन में रेहान घर को भूत-प्रेत से मुक्त नहीं कराता, तो वह आदमी डील तोड़ देगा। रेहान इसका हल निकालने में जुट जाता है।
क्या हांटेड में कहानी और थ्रीडी तकनीकी का मिश्रण परफेक्ट है?
तकनीक कहानी को संवारने के लिए है। थ्रीडी गहना है पिक्चर को संवारने के लिए। लड़की तो खूबसूरत होनी ही चाहिए, वरना गहने का क्या मतलब?
कलाकारों की बात करें, तो आप महाअक्षय और टिया पर कैसे आकर रुके?
महाअक्षय के साथ मैं बहुत पहले एक फिल्म करना चाहता था, लेकिन जैसा कि इंडस्ट्री में होता है। हम चाहते कुछ हैं और होता कुछ है। मैं वह फिल्म नहीं कर पाया, तो उसने जिम्मी की। तीन साल बाद वह मेरे ऑफिस आया। जब मैं हांटेड लिख रहा था। उसने अपने आपको पूरी तरह बदल दिया था। मैंने लड़के में एक भूख देखी कुछ करने के लिए। वह भूख मेरे थ्रीडी फिल्म बनाने की भूख की तरह थी। हमारे ऑफिस में एक म्यूजिक डिवीजन है। टिया म्यूजिक एलबम कर रही थीं हमारे लिए। मैंने उनसे कहा कि वीडियो बाद में करना पहले फिल्म कर लो। मीरा के लिए टिया फिट हैं।
फिल्म का शीर्षक अंग्रेजी में रखने की कोई खास वजह?
ऑडियंस को लेकर देश दो हिस्से में बंट गया है। एक वह ऑडियंस है, जो अगर टिपीकल हिंदी टाइटिल होगा, तो देखने ही नहीं जाती। अगर मैंने फिल्म का नाम आत्मा रखा होता, तो मल्टीप्लेक्स के दर्शक नहीं आते। कहते कि बी-सी ग्रेड फिल्म है। हांटेड से लगता है कि उनकी अपनी सेंसिबिलिटी की फिल्म है। उधर बी और सी सेंटर के दर्शक को हांटेड नहीं समझ में आता कि क्या है, मगर आई हेट लव स्टोरीज और वंस अपॉन अ टाइम इन मुंबई, वेक अप सिड अंग्रेजी टाइटिल हैं, लेकिन फिल्में लोगों ने देखीं।
-रघुवेंद्र सिंह 

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