Saturday, March 19, 2011

आज भी गाढ़ा है वह रंग-अमिताभ बच्चन

होली के त्योहार से अमिताभ बच्चन का संबंध निजी जीवन में ही नहीं, बड़े पर्दे पर भी मधुर एवं अविस्मरणीय रहा है। होली पर विशेष बातचीत
होली का नाम आते ही आपके जेहन में कैसी छवियां उभर आती हैं?
होली का संबंध पहले तो मौसम बदलने से है। शीतकाल समाप्त और गर्मी का मौसम आरंभ। फिर रंग, होली का जश्न, मित्रों के साथ मिलकर रंगों का मिलन, स्वादिष्ट पकवान, संगीत और नृत्य और शाम को मिलना।
बाबूजी के जमाने की होली की यादें बांटें?
बाबूजी होली बहुत ही खुले दिल से मनाते थे। बहुत सारे उनके मित्र, विद्यार्थी घर आकर के साथ में होली खेला करते थे। होली का वह रंग आज भी मेरी स्मृतियों में जीवंत है। उत्तर प्रदेश की लोक धुनों पर आधारित गीत सुनाया करते थे, जिनमें से कई तो मैंने अपनी फिल्मों में गाए हैं।
आपकी अब तक की यादगार होली कौन सी रही है?
प्रत्येक होली का त्योहार मेरे लिए यादगार रहा है।
क्या दर्शकों की तरह हिंदी फिल्मों से गायब हो रहे होली के त्योहार की फिक्र आपको भी है?
ऐसा तो नहीं कहा जा सकता। जब-जब फिल्म की कहानी में होली के त्योहार को दर्शाने की आवश्यकता पड़ती है तो उसे दर्शाया जाता है। होली ही क्यों, हर अन्य त्योहार के लिए भी यही भावना है। चाहे वो दीवाली हो, ईद हो, गणेश उत्सव हो या क्रिसमस एवं न्यू ईयर।
आपके पसंदीदा होली गीत कौन से हैं?
रंग बरसे और होली खेलें रघुवीरा अवध में होली खेलें..।
क्या इस बार आप होली मना रहे हैं?
इस बार शायद होली हमारे यहां नहीं मनाई जाएगी। परिवार के निकट संबंधी के निधन के कारण।
-रघुवेंद्र सिंह

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