Saturday, March 20, 2010

रोमांच से भरपूर लाहौर | फिल्म समीक्षा

मुख्य कलाकार : आनंद, श्रद्धा दास, फारुक शेख, श्रद्धा निगम, सौरभ शुक्ला, निर्मल पांडे, सुशांत सिंह
निर्देशक : संजय पूरण सिंह चौहान
तकनीकी टीम : निर्माता - विवेक खाटकर, जे एस राणा, लेखक- संजय पूरण सिंह चौहान, गीत- जुनैद वासी, संगीत- एम एम क्रीम
लाहौर किक बॉक्सिंग खेल पर आधारित फिल्म है। किक बॉक्सिंग भारत में उतना लोकप्रिय खेल नहीं है इसीलिए नए निर्देशक संजय पूरन सिंह चौहान ने इसमें क्रिकेट को भी शामिल किया है। बड़ा भाई धीरू किक बॉक्सिंग का चैंपियन खिलाड़ी है और छोटा भाई वीरू क्रिकेट का चैंपियन। पाकिस्तान के किक बॉक्सर नूर मोहम्मद के साथ एक टूर्नामेंट में मुकाबले के दौरान धीरू की मौत हो जाती है। नूर मोहम्मद धोखे से उसे रिंग में मार देता है। छोटा भाई वीरू अपने भाई की मौत का बदला लेने के मकसद से इंडियन किक बॉक्सिंग टीम में शामिल होता है, जो लाहौर एक सद्भावना टूर्नामेंट खेलने जाती है।
संजय पूरन सिंह चौहान की फिल्म लाहौर दो भाइयों के प्रेम, खेल में राजनेताओं के हस्तक्षेप को सहजता से दिखाती है। खास तौर से यह फिल्म भारत-पाकिस्तान के रिश्तों को खेल के जरिए सुधारने की बात कहती है। लाहौर में स्पोर्ट फिल्म की खूबियां हैं। किक बॉक्सिंग के दृश्य रोमांच से भरपूर हैं। फिल्म का एक्शन उल्लेखनीय है।
लाहौर के लीड एक्टर अनाहद इमोशनल दृश्यों में कमजोर हैं। उनमें एक्शन हीरो की सभी खूबियां हैं। फारूख शेख ने मनमौजी और स्वतंत्र स्वभाव के कोच की भूमिका को बखूबी निभाया है। पाकिस्तानी टीम के कोच की भूमिका में सब्यसाची चक्रवर्ती और किक बॉक्सर मुकेश ऋषि जंचे हैं।
**1/2 ढाई स्टार।
-रघुवेन्द्र सिंह

No comments: