Friday, February 19, 2010

जैक्सन की धुनों पर थिरकेंगे हरमन

मुंबई। माइकल जैक्सन के दीवाने हरमन बावेजा कल पहली बार अपने फेवरेट डांसर की धुनों पर सार्वजनिक मंच पर थिरकेंगे। महिलाओं के कल्याण के लिए काम करने वाली एनजीओ वेव फाउंडेशन के पुरस्कार समारोह में
हरमन बावेजा माइकल जैक्सन के पॉपुलर गीतों पर परफॉर्म करेंगे। अपने डांस के लिए लोकप्रिय युवा अभिनेता हरमन बावेजा ने बताया, कल शाम को मैं सात आठ मिनट के एक्ट के द्वारा माइकल जैक्सन को ट्रिब्यूट दे रहा हूं। यह मेरे लिए इमोशनल मोमेंट है। मैं बचपन से माइकल जैक्सन का फैन हूं। मैंने उन्हीं से प्रेरित होकर डांस सीखा। वे मेरे आदर्श हैं। मैं इस मौके को लेकर बहुत उत्साहित हूं। हरमन ने बताया कि वे पिछले एक हफ्ते से माइकल जैक्सन के गीतों पर रिहर्सल कर रहे हैं।
गौरतलब है कि वेव फाउंडेशन से हरमन बावेजा सहित कई फिल्म हस्तियां जुड़ी हैं। हरमन ने बताया कि वेव महिलाओं के हित के लिए काम करती है। यही वजह है कि मैं इससे जुड़ा हूं। देश-विदेश में जब मैं सुनता हूं कि महिलाओं के साथ नाइंसाफी हो रही है। उनके साथ जुल्म हो रहा है तो मुझे गुस्सा आता है। वेव के साथ मिलकर मैं महिलाओं के कल्याण के लिए काम कर रहा हूं। इस संस्था से कट्रीना कैफ और सैफ अली खान भी जुड़े हैं। हरमन बावेजा ने बताया कि सैफ अली खान और कट्रीना कैफ भी कल परफॉर्म करेंगे।
-रघुवेन्द्र सिंह

Saturday, February 13, 2010

कब्रिस्तान की लड़ाई लड़ रहे दिलीप कुमार-सायरा बानो

मुंबई [रघुवेन्द्र सिंह]। बालीवुड के ट्रेजडी किंग दिलीप कुमार और उनकी पत्‍‌नी सायरा बानो पांच साल से महाराष्ट्र सरकार से एक लड़ाई लड़ रहे हैं। लड़ाई कब्रिस्तान के लिए जमीन की है। सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है।
यहां बांद्रा वेस्ट से सांताक्रुज वेस्ट के बीच जुहू गार्डन के पास मात्र एक कब्रिस्तान है। इस इलाके के सात लाख से भी ज्यादा लोग साठ वर्ष से इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। नतीजा है कि यहां एक के ऊपर एक कई लाशें दफन हो चुकी हैं। मधुबाला, नौशाद, साहिर लुधियानवी, नसीम बानो, जां निसार अख्तर, तलत महमूद, परवीन बाबी और मजरूह सुल्तानपुरी जैसे दिग्गजों तक की कब्र महफूज नहीं रही है। यहां दफन बालीवुड के दिग्गजों में बस मुहम्मद रफी हैं, जिनकी कब्र अब तक सुरक्षित है।
कब्र की देखरेख करने वाले मुस्लिम मजलिस ट्रस्ट के प्रमुख असगर अली सुलेमान का कहना है कि पंद्रह वर्ष पहले यहां महीने में पांच मैय्यत आती थी, लेकिन अब यह तादाद पच्चीस तक पहुंच गई है। ऐसे में सरकार कब्रिस्तान के लिए नई जगह नहीं देती है तो मजबूरी में हमें मुहम्मद रफी की कब्र भी खोदनी होगी और वहां किसी और की लाश दफनानी होगी।
असगर बताते हैं, 1968 में महाराष्ट्र सरकार ने जुहू कोलीवाड़ा में हिंदू, मुस्लिम और ईसाई समुदाय के लिए श्मशान एवं कब्रिस्तान के लिए जगह सुरक्षित की थी। हिंदू और ईसाई समुदाय को तो उनकी जमीन मिल गई, लेकिन हमें आज तक कब्रिस्तान के लिए जमीन नहीं मिली। वह बताते हैं कि सितंबर 2005 में दिलीप कुमार और सायरा बानो ने महाराष्ट्र सरकार को पत्र लिख कर कब्रिस्तान की जमीन देने की मांग की, लेकिन सरकार ने उनकी भी नहीं सुनी।

सुरक्षित है मुहम्मद रफी की कब्रगाह

मुंबई। मुहम्मद रफी की कब्र खोदने एवं उनकी हड्डियों को फेंकने की खबर आने के बाद देश-विदेश में मौजूद उनके प्रशंसकों की भावनाओं को ठेस पहुंची। द रफी फाउंडेशन के फाउंडर बीनू नायर बताते हैं कि अंग्रेजी अखबार में खबर आने के बाद मेरे पास देश-विदेश से इस संबंध में कई फोन आए। लोग बेहद गुस्सा थे। वे पूछ रहे थे कि मुंबई जैसे बड़े शहर में क्या मुहम्मद रफी जैसे कलाकार के लिए दो गज जमीन नहीं है? सच्चाई जानने के लिए मैं उनकी कब्रगाह पर गया था। मुहम्मद रफी की कब्र सुरक्षित है। हमने मुस्लिम मजलिस ट्रस्ट से आश्वासन लिया है कि वे रफी साब की कब्र को नहीं खोदेंगे। इस संबंध में मुस्लिम मजलिस ट्रस्ट के प्रेसीडेंट का कहना है कि मुहम्मद रफी की कब्र पन्द्रह फुट जमीन के अंदर जा चुकी है और उनको दफन हुए तीस साल हो चुके हैं। उनकी हड्डियां आजतक कैसे रह सकती हैं? लोग अफवाह फैला रहे हैं।
-रघुवेन्द्र सिंह

एक्टर बाई चांस बन गया: सिद्धार्थ | मुलाकात

तेलुगू फिल्मों के आमिर खान के नाम से मशहूर सिद्धार्थ खुद को शाहरूख खान मानते हैं। चार साल पूर्व सिद्धार्थ रंग दे बसंती फिल्म में एक यादगार भूमिका में दिखे थे। सिद्धार्थ का लक्ष्य अब हिंदी फिल्मों का सुपर स्टार बनना है। फिल्म स्ट्राइकर उस दिशा में पहला कदम है।
रंग दे बसंती के बाद के चार सालों में यहां क्या बदलाव देख रहे हैं?
अब अच्छी फिल्मों का माहौल है। इस वजह से मैं बहुत एक्साइटेड हूं। स्ट्राइकर के बाद मैं ढेर सारी हिंदी फिल्में करूंगा। मैं अल्ट्रा चूजी नहीं हूं ।
स्ट्राइकर चुनने की क्या वजह है?
रंग दे बसंती में मैं इसेंबल कास्ट था। मुझे पता था कि अगली फिल्म में मुझे अपनी एक्टिंग का पूरा रेंज दिखाना पड़ेगा। मैं चाहता था कि लोग दुकान में जाकर पूछें कि सिद्धार्थ है क्या? ये नहीं कि वो वाला बॉक्स है क्या, जिसमें सिद्धार्थ है। मैंने साउथ में बॉक्स ऑफिस पर डेढ़ सौ करोड़ का कलेक्शन किया है। जिस बंदे ने वो देख लिया है, वह यहां कौडि़यों से नहीं खेलेगा। स्ट्राइकर से मैं खुद को लांच कर रहा हूं।
किस जॉनर की फिल्म है स्ट्राइकर?
अमिताभ सर की जंजीर याद कीजिए। स्ट्राइकर उसी जॉनर की फिल्म है। यह सिंगल हीरो की लाइफ स्टोरी है। कहानी 1980 में सेट है। मेरे किरदार का नाम सूर्यकांत सारंग है। वह कैरम का खेली है। सूर्या का जन्म मुंबई के मालवणी नाम के स्लम में होता है। फिल्म में सूर्या के दस साल से तीस साल के उम्र की जर्नी है। सूर्या के लाइफ की च्वाइसेस और किस्मत की स्टोरी है यह। स्ट्राइकर सूर्यकांत सारंग के प्यार, परिवार, दोस्ती और दुश्मनी की बात करती है। यह मल्टी डाइमेंशनल इमोशनल फिल्म है।
आपने फिल्म में दो गाने गाए हैं। एक्टिंग और सिंगिंग के अलावा और क्या टैलेंट छुपा रखा है?
मैंने बांबे बांबे और हक से दो गाने गाए हैं और फिल्म का म्यूजिक अलबम भी प्रोड्यूस किया है। मैंने सात साल कर्नाटक संगीत सीखा है। मैं ड्रम्स भी बजाता हूं। मैंने एक फिल्म भी लिखी है। मैं डायरेक्टर बनना चाहता था। मैंने मणि रत्नम को कुछ साल असिस्ट किया है। एक्टर बाई चांस बन गया।
मुंबई में क्या योजनाएं हैं?
मेरी अगली फिल्म में चार महीने का भी गैप नहीं होगा। मैंने तेलुगू फिल्मों में जो स्टारडम हासिल किया है, वही हिंदी फिल्मों में पाना है। उसके लिए मुझे आम दर्शकों का प्यार चाहिए।
-रघुवेन्द्र सिंह

Tuesday, February 2, 2010

बिपाशा: शादी के लिए तैयार!

एक्ट्रेस बिपाशा बसु आजकल फिल्मों को लेकर चर्चा में नहीं हैं। हों भी कैसे? न तो उनकी कोई फिल्म रिलीज होने जा रही है और न ही आजकल वे किसी फिल्म की शूटिंग कर रही हैं। उन्होंने अचानक फिल्में साइन करनी बंद कर दी हैं, जबकि उनकी समकालीन कट्रीना कैफ, प्रियंका चोपड़ा और दीपिका पादुकोण बड़े निर्माताओं की फिल्में साइन कर रही हैं। किसी को समझ में नहीं आ रहा है कि बिपाशा ने यह कदम क्यों उठाया है? कहीं ऐसा तो नहीं कि वे शादी करके सेटल होने की प्लानिंग कर चुकी हैं? लेकिन बिपाशा इस बारे में कुछ और ही कहती हैं, मेरे पास फिल्मों के ऑफर आ रहे हैं, लेकिन उनमें कुछ पसंद नहीं आ रहा है। मैं अपने स्टैंडर्ड का काम ही करूंगी। मैं कोई गलत कदम नहीं उठाना चाहती। मैंने बड़ी मुश्किल से अच्छी फिल्में करके अपनी पहचान और पोजीशन बनाई है। हड़बड़ी में गलत फिल्में करके इमेज नहीं खराब कर सकती। मैं फिल्में नहीं कर रही हूं, इसका मतलब यह नहीं है कि मैं घर में बैठी हूं। मेरे पास और भी कई काम हैं करने के लिए।
बिपाशा जो भी कहें, बॉलीवुड में उनकी शादी के चर्चे खूब हैं। दरअसल, वे अभी अपना सारा समय ब्वॉयफ्रेंड जॉन अब्राहम के साथ बिता रही हैं। जॉन भी अभी फ्री हैं। वे बिपाशा के ही घर में रहते हैं। फिल्में देख और शॉपिंग करके दोनों अपना टाइम पास कर रहे हैं। इसीलिए चर्चा है कि यह हॉट कपल शादी करने की योजना बना रहा है। उन्होंने जॉन से अपने मन की यह बात भी कह दी है। इस बारे में जब बिपाशा से बात होती है, तो उन्होंने शादी की खबर को सही नहीं कहा, पिछले कुछ सालों से ऐसी बातें हो रही हैं। अब मैं ऐसी बातों को तवज्जो नहीं देती।
बिपाशा ने पिछले साल दो फिल्मों पंख और लम्हा की शूटिंग की थी। दोनों इस साल रिलीज होंगी, लेकिन अभी रिलीज डेट तय नहीं है। बिपाशा इन फिल्मों को लेकर उत्साहित हैं। वे दोनों में अलग अंदाज में दिखेंगी। पंख में वे जहां अपने से कम उम्र के मैरेडोना रिबैलो के साथ रोमांस करेंगी, वहीं आतंकवाद पर बनी लम्हा में कश्मीरी लड़की के रोल में दिखेंगी। बिपाशा कहती हैं, इन फिल्मों को मैं करियर की स्पेशल फिल्म मानती हूं। दोनों फिल्में बहुत अच्छी बनी हैं। दोनों का सब्जेक्ट भी अच्छा है। मुझे इनकी रिलीज का इंतजार है। उम्मीद है कि यह साल मेरे लिए अच्छा होगा।
बिपाशा अमूमन फिल्मों की शूटिंग में व्यस्त रहती हैं, इसीलिए उन्हें अपने और अपनों के बारे में सोचने के लिए समय नहीं मिलता। बिपाशा खुश हैं कि इन दिनों उन्हें अपने लिए कुछ समय मिल रहा है। अब वे ऐसी फिल्मों का इंतजार कर रही हैं, जो उन्हें दर्शकों के बीच नई पहचान दिला सकें। बिपाशा क्वालिटी वर्क करना चाहती हैं। वे कहती हैं, अब मैं करियर के उस मुकाम पर हूं, जहां कुछ प्रयोग कर सकती हूं। पंख और लम्हा देखने के बाद लोग मेरी इस बात का मतलब समझ जाएंगे। मुझे पूरा यकीन है कि यह साल मेरे लिए लकी साबित होगा। मैं जैसी फिल्में करना चाहती हूं, वैसी फिल्में मुझे मिलेंगी। बिपाशा आगे कहती हैं, नए निर्देशक आजकल अच्छी स्क्रिप्ट ला रहे हैं। वे कुछ नया और अलग करना चाहते हैं। अब मैं नए निर्देशकों की फिल्म का हिस्सा बनना चाहती हूं। नए निर्देशकों की राह तकने का बहाना करके बिपाशा अपनी शादी की बात को छिपाना चाहती हैं, यह तो वही जानें। फिलहाल, उनके प्रशंसक नहीं चाहेंगे कि वे इतनी जल्दी शादी के बंधन में बंधें।

फिल्म मेकिंग की ट्रेनिंग नहीं ली: अमित राय | मुलाकात

अमित राय की रोड टू संगम पहली निर्देशित फिल्म है। यह देश-विदेश के कई प्रतिष्ठित फिल्म समारोहों में सराही और पुरस्कारों से सम्मानित हो चुकी है। प्रस्तुत है अमित राय से बातचीत के खास अंश..
अपने बारे में बताएं?
मैं ठाणे (महाराष्ट्र) के उल्हास नगर का हूं। मैं झोपड़ी में पला-बढ़ा हूं। मुझे चप्पल से जूते तक पहुंचने में सत्रह साल लग गए। मेरे पापा ने एक अच्छा काम यह किया कि मुझे शिक्षा बहुत अच्छी दिलाई। मैं साइंस में ग्रेजुएट हूं। मैंने ड्रैमेटिक्स में एम.ए. किया है। मैं पढ़ने के साथ-साथ थिएटर से जुड़ा रहा। मेरी शुरुआत मराठी एक्सपेरिमेंटल थिएटर से हुई। मैं मराठी फिल्म टिंग्य में एसोसिएट डायरेक्टर था।
फिल्म निर्देशन में आपका कैसे आना हुआ? क्या आपने फिल्म निर्देशन की ट्रेनिंग ली है?
मेरे पापा ने किसी को पैसे उधार दिए थे। उस बंदे ने अच्छा काम यह किया कि पैसे लौटाने की बजाए उसने एक वीसीआर और टीवी दे दिया। यह 1985 की बात है। मैं रात भर जागकर वह वीसीआर और टीवी किराए पर लोगों के घरों में लगाता था। एक फिल्म के पच्चीस रुपये और चार फिल्म के सौ रुपये चार्ज करता था। मैंने फिल्में देख-देखकर फिल्म बनानी सीखी। मैंने फिल्म मेकिंग की ट्रेनिंग नहीं ली है।
रोड टू संगम के बारे में बताएं? प्रोमो से हिंदू-मुस्लिम विवाद पर आधारित फिल्म लग रही है?
हिंदू-मुस्लिम विवाद पर यह फिल्म नहीं है। हमारी सोच ऐसी हो गई है कि यदि मुस्लिम शब्द कहीं आता है, तो हम हिंदू खुद उसमें जोड़ देते हैं। यह इंडिया की पहली फिल्म है, जो पूरी तरह से मुस्लिम कम्यूनिटी की फिल्म है और मुस्लिम सॉल्यूशन देती है। यह अस्मतुल्लाह नाम के एक मैकेनिक के जीवन पर आधारित फिल्म है। यह लोगों को महात्मा गांधी के आदर्श, सिद्धांत और विचारों की याद दिलाएगी। मैं फिल्म के जरिए यही कहना चाहता हूं कि वर्षो पहले एक आदमी हमें बहुत कुछ दे गया था, उसे हमें संजोकर रखना चाहिए। रोड टू संगम की पूरी शूटिंग इलाहाबाद में हुई है।
फिल्म का सब्जेक्ट सीरियस है। इसे बनाने में निश्चित ही चुनौतियों से गुजरना पड़ा होगा?
मैं इसे सीरियस नहीं, चैलेंजिंग फिल्म कहूंगा। मुझे सिनेमा को कैटेगरी में रखना पसंद नहीं। इस फिल्म को लेकर मेरा आत्मविश्वास मजबूत था। मेरा मानना है कि यदि आपको कोई चीज अच्छी लगती है, तो आप दर्शकों को उसे देखने के लिए कंविंस कर सकते हैं। इसे बनाने में मुझे कई मुश्किलें आई, लेकिन मुश्किलों का सामना करने में मुझे मजा आया। मैंने यह फिल्म अपनी शर्तो पर बनाई है।
आपकी फिल्म रिलीज से पूर्व कई पुरस्कारों से सम्मानित हो चुकी है। इससे उत्साह तो बढ़ा होगा?
पहली फिल्म को इतना सम्मान मिलना मेरे लिए गर्व की बात है। मेरा आत्मविश्वास और बढ़ गया है। अब मैं इस फिल्म के बारे में लोगों को गर्व से बताता हूं। फिल्म को साउथ अफ्रीका, जर्मनी, लॉस एंजेलिस, मुंबई के फिल्म समारोहों में सम्मानित किया गया है। मैं इसका श्रेय अकेले नहीं लूंगा। जो भी सम्मान मिला है, उसका श्रेय फिल्म की पूरी टीम को जाता है।
क्या आपने अगली फिल्म पर काम शुरू कर दिया है?
हां, मैं आध्यात्म पर एक फिल्म लिख रहा हूं। फिलहाल मैं कहना चाहूंगा कि अच्छे दर्शकों का क‌र्त्तव्य है कि वे अच्छी फिल्म हॉल में जाकर देखें। रोड टू संगम को अब दर्शकों को प्यार चाहिए।
-raghuvendra singh

सलमान की फैन हूं मैं: जरीन खान | मुलाकात

सलमान खान की नई खोज हैं जरीन खान। वे हालिया रिलीज फिल्म वीर की नायिका हैं। मुंबई के बांद्रा में पली-बढ़ी जरीन डॉक्टर बनना चाहती थीं, लेकिन उनकी मम्मी के पास इतना पैसा नहीं था कि वे उन्हें इसकी पढ़ाई करा सकें। जरीन की जुबानी, मैं अट्ठारह साल की थी जब पापा हमें छोड़कर चले गए। मेरी और छोटी बहन की जिम्मेदारी मम्मी पर आ गई। वे किसी तरह घर का खर्च चला रही थीं, लेकिन बाद में जब उनकी सेहत खराब रहने लगी, तो मैंने काम करने का फैसला किया। मॉडलिंग में मुझे लगा कि जल्दी पैसा कमा सकती हूं। मैं पढ़ाई छोड़कर मॉडलिंग करने लगी। मुझे जल्द ही मॉडलिंग के असाइनमेंट मिलने लगे। उनसे मुझे जो पैसा मिलता, उससे घर का खर्च चलता था। तरंग ने इस मुलाकात में जरीन से उनके निजी जीवन, सलमान खान, कट्रीना कैफ और भावी योजनाओं के बारे में बात की..।
सलमान खान से पहली बार आप कब, कहां और कैसे मिलीं?
फिल्म युवराज के सेट पर मैं पहली बार उनसे मिली। मेरे पास एक दिन सुभाष घई के ऑफिस से फोन आया कि आपको युवराज के सेट पर बुलाया गया है। मैं सलमान की फैन हूं। उन्हें नजदीक से देखने के लालच में मैं सेट पर पहुंच गई। मैंने देखा कि सलमान जिम के कपड़ों में बैठे फोन पर बात कर रहे थे। उनके पास उनके एक फ्रेंड खड़े थे। मैंने उनसे इशारे में पूछा कि क्या मैं सलमान से बात कर सकती हूं। उन्होंने मना कर दिया, लेकिन सलमान के सामने से निकलते समय मैंने उन्हें सलाम किया। उन्होंने जवाब भी दिया। बाद में उनके फ्रेंड मेरे पास आए और कहा कि सलमान भाई ने आपको बुलाया है। मैं खुशी-खुशी उनसे मिलने गई और एक फैन की तरह बात की। बाद में पता चला कि उस मुलाकात में ही उन्होंने मुझे वीर फिल्म के लिए फाइनल कर लिया है।
क्या सलमान ने उसी वक्त आपको बता दिया कि वे आपको वीर में कास्ट करने जा रहे हैं?
नहीं। उनके डिजाइनर ने मुझे बताया कि सलमान भाई आपको वीर के लिए सोच रहे हैं। बाद में उन्होंने मुझे ऑडिशन के लिए भेजा। मैंने ऑडिशन दिया, फिर मेरा फोटोशूट हुआ। कुछ दिन बाद सलमान और अनिल शर्मा ने मुझे बताया कि आप फिल्म में राजकुमारी यशोधरा की भूमिका के लिए फाइनल की गई हैं। मुझे ऐसा लगा कि मैं कोई सपना देख रही हूं। सच कहूं, तो अभी तक मुझे सब सपने जैसा ही लग रहा है।
वीर की शूटिंग शुरू होने से पहले क्या आपने किसी प्रकार की तैयारी की थी?
हां, अनिल शर्मा के साथ मैंने दो महीने तक अपने सीन के रिहर्सल किए। मैंने एक्टिंग की फॉर्मल ट्रेनिंग नहीं ली है। सलमान और कट्रीना ने भी मेरी काफी मदद की। जिन लोगों ने फिल्म वीर नहीं देखी होगी, उनके लिए मैं बता दूं कि इसमें मैं राजकुमारी यशोधरा के किरदार में हूं। यशोधरा सुलझी हुई लड़की है। उसे घमंड नहीं है कि वह राजकुमारी है। वह पिंडारी योद्धा वीर से प्यार करती है। यशोधरा के किरदार के लिए मैंने दस किलोग्राम वजन बढ़ाया। अनिल शर्मा ने जब मुझे पुराने जमाने की राजकुमारी की फोटो दिखाई और कहा कि आपको हट्टा-कट्टा दिखना है। उसके लिए आपको वजन बढ़ाना पड़ेगा। अनिल शर्मा और सलमान के लिए मैंने खुशी से अपना वजन बढ़ा लिया।
कट्रीना से आपके फेस की सिमलैरिटी का भविष्य में लाभ होगा या नुकसान?
मुझे पता नहीं। लोगों को लगता है कि मेरा चेहरा कट्रीना से मिलता है, लेकिन मुझे ऐसा नहीं लगता। खैर,कट्रीना से तुलना होना मेरे लिए बड़ा कॉम्पि्लमेंट है। वे बेहद खूबसूरत महिला हैं।
क्या आप अपनी नई पहचान का श्रेय सलमान खान को देंगी?
मेरी जो भी पहचान है, उसका क्रेडिट सलमान खान को जाता है। उन्होंने मेरी लाइफ बदल दी है। वे नहीं मिलते तो आज मैं वीर की यशोधरा नहीं होती।
भावी योजनाएं क्या हैं?
वीर रिलीज हो चुकी है। अब मैं नई फिल्में साइन करूंगी। सलमान के साथ एक रोमांटिक फिल्म करना चाहूंगी। यही इच्छा भी है।
-raghuvendra singh