Monday, May 18, 2009

अभिनय को निखारने का जज्बा

रोनित राय का अभिनय यह दर्शाता है कि उनमें बढ़ती उम्र के साथ अभिनय को निखारने का जज्बा है। रोनित प्रसन्नता के साथ अपने किरदार के संदर्भ में कहते हैं, धर्मराज मेरे करियर की चुनौतीपूर्ण, यादगार एवं प्रभावी भूमिका है। धर्मराज देसी पात्र है। उसकी भाषा, पहनावे और व्यवहार में देसी पन है। उसका अपना स्टेटस है। ऐसी भूमिका मैं पहली मर्तबा निभा रहा हूं।
कसौटी जिंदगी की सीरियल में मिस्टर बजाज की भूमिका के लिए मैंने उर्दू सीखी थी। वह धर्मराज के लिए काम नहीं आयी, बल्कि इसके लिए मैंने अब तक जो कुछ सीखा था, सब भुलाना पड़ा। धर्मराज हिंदी बोलता है जिसमें गुजराती टच है। वह टोन लाने के लिए मैंने गुजराती लोगों के बातचीत के तरीके पर गौर किया। धर्मराज ने मुझे निजी तौर पर प्रभावित किया है।
इमेजिन पर प्रसारित बंदिनी में ज्यादातर नए कलाकारों को मौका मिला है। रोनित इसमें एकमात्र सीनियर एक्टर हैं। सेट पर कैसा माहौल रहता है? इस पर रोनित प्रतिक्रिया देते हैं, मेरी सोच दबदबा बनाने वाली नहीं है। माना कि मैं वरिष्ठ कलाकार हूं, लेकिन मैं किसी पर हावी होने की कोशिश नहीं करता हूं। मैं नए कलाकारों से सीखता हूं और यदि उन्हें कुछ गलत काम करते हुए देखता हूं, तो उन्हें समझाता हूं। मैं नए कलाकारों को प्रोत्साहित करता हूं। जब मैं इस क्षेत्र में आया था तब मुझे कोई सही मार्ग दिखाने वाला नहीं था। आज मेरे पास अनुभव है। मैं उस अनुभव का लाभ नयी पीढ़ी के कलाकारों को देने की कोशिश करता हूं।
रोनित ने अभिनय करियर की शुरुआत फिल्म जान तेरे नाम से की थी। बाद में उन्होंने सीरियल में काम करना शुरू किया। पिछले दिनों उन्हें फरहान अख्तर अभिनीत लक बाई चांस में मेहमान भूमिका में देखा गया। इस संदर्भ में रोनित कहते हैं, निर्माता रितेश सिधवानी मेरे मित्र हैं। उनके कहने पर मैंने लक बाई चांस में छोटी सी भूमिका की। गत चार सालों में मुझे कई फिल्मों के प्रस्ताव मिले, लेकिन मुझे उनमें दम नहीं दिखा। मैं फिल्मों में चुनौती भरी भूमिकाएं निभाना चाहता हूं। आजकल बातें चल रही हैं। उम्मीद है, जल्द ही मैं फिर बड़े पर्दे पर दिखूंगा।
रोनित के छोटे भाई रोहित राय निर्देशन में कदम रख चुके हैं। क्या रोनित उस दिशा में कदम बढाएंगे, जवाब में वे कहते हैं, मेरे पास समय का अभाव है। मैं दिन में सोलह घंटे शूटिंग करता हूं। मेरा सिक्योरिटी एजेंसी का बिजनेस है, उसके लिए समय निकालता हूं और बाकी समय परिवार के साथ रहता हूं। रोहित की तरह मैं हर काम के लिए समय नहीं निकाल सकता। मैं किसी दौड़ का हिस्सा नहीं हूं। मैं कम मगर गुणवत्तापूर्ण काम करने में विश्वास करता हूं।
रोनित अपनी व्यक्तिगत एवं प्रोफेशनल जिंदगी से संतुष्ट हैं। छोटे पर्दे के बिग बी कहे जाने के बारे में पूछने पर वे हंसते हुए कहते हैं, अमिताभ बच्चन जिस स्थान पर हैं, वहां मुझे पहुंचने में पचास साल और लग जाएंगे। उनसे मेरी तुलना करना गलत है। दूसरी तरफ जब लोग एक लीविंग लीजेंड से मेरी तुलना करते हैं तो मुझे बहुत खुशी होती है साथ ही, उत्तरदायित्व बढ़ जाता है। बिग बी के नाम की फिक्र बढ़ जाती है। मेरी कोशिश यही है कि दर्शकों ने जो प्यार और सम्मान दिया है, खुद को उसके योग्य साबित करता रहूं।
-रघुवेन्द्र सिंह

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