Friday, March 6, 2009

लोगों का भ्रम तोड़ना चाहती है सेलिना

जल्द दो अंग्रेजी फिल्मों के साथ ही कुछ हिंदी फिल्मों में भी दिखेंगी सेलिना जेटली। अब तक फिल्मी दुनिया की सिर्फ ग्लैमरस हीरोइन के रूप में पहचानी जाने वाली सेलिना की चाहत है हर तरह की भूमिका करने की। वे कुछ फिल्मों में ऐसा कर भी रही हैं। उनकी आने वाली फिल्में कौन-कौन-सी हैं, बता रही हैं खुद इस खास मुलाकात में रघुवेंद्र सिंह को..। अब अंतरराष्ट्रीय फिल्मों में दिखेंगी ग्लैमरस हीरोइन सेलिना जेटली भी। उनकी दो अंग्रेजी फिल्में लव हैज नो लैंग्वेज और द क्वेस्ट ऑफ शहजाद प्रदर्शन के लिए तैयार हैं। उन्हें आशा है कि इन फिल्मों के जरिए उन्हें विश्वस्तरीय पहचान भी मिलेगी। सेलिना उत्साहित होकर कहती हैं, मैं खुश हूं कि हिंदी फिल्मों की बदौलत अब मुझे अंग्रेजी फिल्मों का हिस्सा बनने का अवसर भी मिल रहा है। इस साल मेरी दो अंग्रेजी फिल्में रिलीज होंगी। इन फिल्मों में मैंने भारतीय लड़की की भूमिका निभाई है। वे अपनी बात आगे जारी रखती हैं, भारत में इन फिल्मों के प्रदर्शन का मैं इंतजार कर रही हूं। बीते साल नवंबर में न्यूजीलैंड में लव हैज नो लैंग्वेज का प्रीमियर हुआ था। वहां की मीडिया ने मेरे प्रति जो प्यार दिखाया, उसे देख कर मैं चकित रह गई। उस फिल्म के लिए मुझे बहुत अच्छा रेस्पॉन्स मिला। लोगों ने मेरे काम की सराहना भी की।
बीते छह वर्षो से हिंदी फिल्मों में सक्रिय सेलिना के लिए अंग्रेजी फिल्में हमेशा दूसरी पसंद होंगी। वे कहती हैं, मैं अंगे्रजी फिल्में जरूर कर रही हूं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि मैं हिंदी फिल्मों से दूर हो जाऊंगी! हिंदी फिल्में हमेशा मेरी प्राथमिकता होंगी। मैं यह भूल ही नहीं सकती कि लोगों में मेरी पहचान हिंदी फिल्मों से ही है! सच कहूं, तो हमारी फिल्मों का मजा किसी और भाषा की फिल्म में नहीं है। हमारी फिल्म में ऐक्टर को ऐक्टिंग, डांस, गीत, ऐक्शन सब कुछ करने का अवसर मिलता है। मैंने अंग्रेजी फिल्मों की शूटिंग के दौरान गीत और डांस को बहुत मिस किया। वैसे, इस साल मेरी कई हिंदी फिल्में भी प्रदर्शित होंगी। उनमें नीरज वोरा की रन भोला रन, मुक्ता आ‌र्ट्स की फिल्म पेइंग गेस्ट और हेलो डार्लिग, आदित्य दत्त की चाय गरम और तिग्मांशु धूलिया की फिल्म शोमैन है।
सेलिना की इस साल प्रदर्शित होने वाली सभी फिल्में मल्टीस्टारर और कॉमेडी विषय वाली हैं। इस बारे में वे कहती हैं, मेरी सभी फिल्में कॉमेडी जॉनर की भले ही हैं, लेकिन इनमें दर्शक मुझे रोमांस, ऐक्शन, स्टंट सब करते हुए देखेंगे। मैं कॉमेडी फिल्में इसलिए भी कर रही हूं, क्योंकि दर्शक मुझे कॉमेडी फिल्मों में देखना पसंद करते हैं। सच तो यह है कि सीरियस फिल्में देखने कोई थिएटर में जाता ही नहीं है और रही बात मल्टीस्टारर फिल्मों की, तो यदि आज शाहरुख खान और अमिताभ बच्चन जैसे लोकप्रिय कलाकार ऐसी फिल्में कर रहे हैं, तो मैं भला क्यों नहीं कर सकती? अब सोलो फिल्मों का जमाना नहीं रहा। आज का दर्शक एक ही फिल्म में अपने सभी पसंदीदा कलाकारों को देखना पसंद करता है। दरअसल, उनकी मांग पर ही ऐसी फिल्मों का चलन बढ़ा है। मुझे स्क्रिप्ट और रोल पसंद आना चाहिए। मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह फिल्म सोलो है या मल्टीस्टारर!
सेलिना अच्छी तरह वाकिफ हैं कि हिंदी फिल्मों में अभिनेत्रियों की उम्र छोटी होती है और इसीलिए वे कम समय में हर तरह की भूमिका कर लेना चाहती हैं। वे कहती हैं, मैंने अब तक अधिकतर ग्लैमरस भूमिकाएं ही की हैं। इसीलिए मेरी पहचान ग्लैमरस ऐक्ट्रेस की ही बन कर रह गई है। मैं लोगों का वह भ्रम अब तोड़ना चाहती हूं। लोगों को बताना चाहती हूं कि मैं सिर्फ सुंदर गुडि़या ही नहीं हूं। मैं जानती हूं कि मैं कमाल की ऐक्ट्रेस नहीं हूं, लेकिन मैं बुरी भी नहीं हूं। लोगों को यह जान कर हैरानी होगी कि मैंने रन भोला रन में दसवीं मंजिल से छलांग लगाई है, जिसे करना बहुत ही मुश्किल था। मैं कम से कम समय में विविध भूमिकाएं करना चाहती हूं। सारी दुनिया जानती है कि हिंदी फिल्मों की ऐक्ट्रेस की उम्र छोटी होती है। शुरू से ही यह देखा गया है कि जैसे ही हीरोइनों की उम्र ढलती है, निर्माता-निर्देशक उनसे दूरी बनाने लगते हैं। हालांकि रेखा जी जैसी कुछ ही ऐक्ट्रेस इस मामले में अपवाद हैं। इस बारे में मैं बस यही कहना चाहती हूं कि आने वाली पीढ़ी मुझे वर्सटाइल ऐक्ट्रेस के रूप में जाने।
-रघुवेंद्र सिंह

No comments: