Thursday, June 19, 2008

अभी तक सीधी सादी लड़की मिली नहीं: विवेक


विवेक ओबेराय ने फिल्म शूटआउट ऐट लोखंडवाला में गैंगस्टर माया डोलस के किरदार को जिस दमदार अंदाज में जीया, उसके लिए उन्हें खूब सराहना मिली। उस फिल्म की रिलीज के बाद वे माया भाई के नाम से पॉपुलर भी हो गए। शूटआउट.. के विवेक और निर्देशक अपूर्व लखिया की जोड़ी फिल्म मिशन इस्तानबुल में भी है। प्रस्तुत है विवेक ओबेराय से हुई बातचीत के अंश..।
बीच में अचानक कहां गायब हो गए थे?
मैं परिवार और दोस्तों के साथ अपनी जिंदगी जी रहा था। बीच में काम इतना अधिक आ गया था कि फुर्सत ही नहीं मिलती थी! सब लोग मुझसे शिकायत करने लगे थे। एक दिन मैंने भी महसूस किया कि जिंदगी की आपाधापी में हमें मेहनत से कमाए पैसे को खर्च करने के लिए ही वक्त नहीं मिलता! मैं अपनों के साथ उन पैसों से जिंदगी जीने में बिजी था।
इस दौरान क्या आपने अपने करियर की समीक्षा की?
पीछे मुड़कर देखना मैं पसंद नहीं करता। हमेशा आगे की सोचता हूं। मैंने इस दौरान अपने आने वाले कल के बारे में विचार किया कि मुझे कैसे आगे बढ़ना है। किनके साथ और कैसी फिल्में करनी है? हां, मैंने यह रिअॅलाइज जरूर किया कि बीच में दो-तीन साल मैंने खराब फिल्में कीं, लेकिन खुश हूं कि मेरे दर्शक आज भी मुझसे प्यार करते हैं। मुझे उम्मीद है, मिशन इस्तानबुल की रिलीज का वे मेरी तरह ही बेसब्री से इंतजार कर रहे होंगे।
मिशन इस्तानबुल को लेकर आप काफी उत्साहित हैं। इसकी वजह?
कई वजहें हैं। पहली वजह है इसकी स्क्रिप्ट। जब पहली बार मुझे इसकी स्क्रिप्ट सुनाई गई थी, तब फिल्म से प्यार हो गया। मैंने तुरंत अपूर्व को हां कह दिया। दूसरी वजह मेरा किरदार है, जो बहुत ही स्टाइलिश है। मेरे चरित्र का नाम रिजवान खान है। मैं काफी समय से इस तरह का किरदार निभाना चाहता था। रिजवान ऐसे-ऐसे कारनामे करता है, जिसकी लोग कल्पना नहीं कर सकते। तीसरी वजह अपूर्व हैं, जिन पर मैं एक डायरेक्टर के रूप में बहुत यकीन करता हूं।
रिजवान के लिए आपको काफी तैयारी करनी पड़ी होगी?
हां। फिल्म में मेरे कई फाइटिंग सीन हैं। उसके लिए मैंने फाइटिंग की बाकायदा ट्रेनिंग ली। तुर्कीश लैंग्वेज सीखी, जो मेरे लिए काफी मुश्किल था। मैं अपने किरदार के साथ किसी तरह का समझौता नहीं करना चाहता था, इसलिए मैंने यह सब किया। वैसे, मुझसे ज्यादा जाएद को तैयारी करनी पड़ी है।
क्या यह नेगॅटिव कैरेक्टर है? काफी समय से आप रोमांटिक भूमिका में नहीं दिखे?
रिजवान का किरदार पॉजिटिव है। वह अच्छा इनसान है, लेकिन बुरे लोगों के साथ बहुत बुरे तरीके से पेश आता है। जहां तक रोमांटिक भूमिका की बात है, तो मैं खुद साथिया के आदित्य को मिस करता हूं। मैं चाहता हूं कि उस तरह का किरदार फिर करूं। मेरे प्रशंसक उस रूप में मुझे ज्यादा पसंद करते हैं।
फिल्मों का चयन करते वक्त आप किन बातों का खयाल रखते हैं?
एक ऐक्टर के रूप में जो फिल्में मुझे चुनौती देती हैं, मैं वही फिल्में करता हूं। मिशन इस्तानबुल में मुझे वह बात दिखी। अभी करण जौहर की एक फिल्म कर रहा हूं। उस फिल्म में भी मुझे वह चैलेंज महसूस हुआ।
नंबर वन की रेस में खुद को कहां पाते हैं?
मैं इस तरह की रेस में विश्वास नहीं करता। जहां भी हूं, अपनी पोजिशन से खुश हूं। मैं कोई फिल्म यह बात दिमाग में रखकर नहीं साइन करता कि यह मुझे फलां नंबर की पोजिशन पर ले जाएगी।
कब तक शादी करने की योजना है?
अभी तक मुझे मेरी पसंद की लड़की मिली ही नहीं है। शादी किससे करूं? जिस दिन कोई अच्छी और सीधी-सादी लड़की मिल जाएगी, उससे शादी कर लूंगा। बहरहाल, अपनी सिंगल जिंदगी से खुश हूं।
आप और कौन-सी फिल्में कर रहे हैं?
एक करण जौहर की फिल्म कर रहा हूं, जिसमें मेरे साथ सैफ अली खान और करीना कपूर हैं। उसके अलावा, एक और बड़ी फिल्म साइन की है। उसमें मैं अपने किरदार के लिए आजकल मार्शल ऑर्ट सीख रहा हूं। उसमें धमाकेदार किरदार में नजर आऊंगा।
-रघुवेंद्र सिंह

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